रविवार, 6 सितंबर 2009

ख्वाब और हकीकत के मेल मैं
खुदा के इस अजब खेल मैं
दुनिया मैं आना जाना लगा रहता है
जो हकीकत समझ ले तर जाता है
नहीं तो खवाबो के चक्र फंसता चला जाता है

गुरुवार, 3 सितंबर 2009

हकीकत

स्वपन की बात जब हकीकत मैं आती है |
कभी रोते हंसाती है कभी हँसते रुलाती है ||
ऐ कान्त